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कांकेर शहर में भालुओं का आतंक

  कांकेर।   शहर में इन दिनों भालू से दहशत (KANKER NEWS) का माहौल बना हुआ है। भालू जंगल छोड़ इंसानी बस्तियों का रुख करने लगें हैं। भालुओं का ...

 


कांकेर। शहर में इन दिनों भालू से दहशत (KANKER NEWS) का माहौल बना हुआ है। भालू जंगल छोड़ इंसानी बस्तियों का रुख करने लगें हैं। भालुओं का झुंड शहर में कभी भी, कहीं भी दिखाई दे जाते हैं। वन विभाग ने जामवंत परियोजना के तहत शिव नगर से ठेलकाबोड़ तक विस्तृत पहाड़ी को भालुओं के आवास का रूप दे दिया है। रिहायशी बस्ती के पास भालुओं के लिए आवास बनाना आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

कांकेर शहर में भालुओं का आतंक

कांकेर शहर व उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले कुछ सालों में भालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अक्सर भालू खाने की तलाश में रिहायशी बस्ती की ओर आ जाते हैं। इसका कारण वन व पहाड़ी क्षेत्रों में भालुओं के लिए पर्याप्त भोजन का उपलब्ध न होना है। भालुओं के हमले से कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।

शाम होते ही भालुओं का डर

शाम को अंधेरा होने के बाद शहर में अक्सर भालू दिखाई (KANKER NEWS)  दे रहे हैं। शहर के श्रीराम नगर, संजय नगर, शिव नगर, उदय नगर, अलबेलापारा, पीजी कॉलेज मैदान, शहर से सटे गांव गोविंदपुर, ठेलकाबोर्ड, डुमाली, पंडरीपानी, सरंगपाल में भालुओं की आवाजाही ज्यादा है. भालुओं के रिहायशी बस्ती में पहुंचने से भालू का लोगों पर हमले का खतरा भी बढ़ जाता है। सोशल मीडिया पर भालू के वीडियो व फोटो वायरल होना अब आम बात हो गई है।

2014 में शुरू हुई जामवंत परियोजना

कैम्पा योजना के तहत वर्ष 2014-2015 में जामवंत परियोजना शुरू हुई थी। शिव नगर और ठेलाकाबोड़ स्थित पहाड़ी के 30 हजार 630 हेक्टेयर भूमि को भालू रहवास बनाया गया था। योजना (KANKER NEWS) के तहत अमरूद, बेर, मकोय, जामुन, गुलर, और आम के पौधे तो लगाए गए थे, लेकिन बेर, मकोय के पौधों के छोड़कर दूसरा कोई भी पौधा अब तक फल देने लायक नहीं हुआ है। जिसके कारण यहां भालुओं को भोजन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। अब भालू भोजन की तलाश में रिहायशी बस्ती की ओर रुख करने लगे हैं इसके कारण लोगों में दशहत का माहौल है।

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