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जिला स्तरीय किसान मेला : फसल विविधीकरण और जैविक खेती के नवाचारों से किसानों को मिला नया मार्गदर्शन

  अम्बिकापुर। कृषि विज्ञान केन्द्र अजिरम अम्बिकापुर में आज जिला स्तरीय किसान मेले का  आयोजन किया गया। मेले में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, ...

 


अम्बिकापुर। कृषि विज्ञान केन्द्र अजिरम अम्बिकापुर में आज जिला स्तरीय किसान मेले का  आयोजन किया गया। मेले में कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुधन विकास विभाग एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं नवीन तकनीकों की जानकारी हेतु स्टॉल लगाए गए, जिनका जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में किसानों ने अवलोकन किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ शासन के पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री राजेश अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज, लूण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनारायण यादव, जिला पंचायत सदस्य राधा रवि, नानमनी पैकरा, कृषि स्वामित्व समिति की अध्यक्ष श्रीमती दिव्या सिंह सिसौदिया, पूर्व हस्तशिल्प बोर्ड अध्यक्ष अनिल सिंह मेजर, कृषि मंत्री के प्रतिनिधि रवीन्द्र तिवारी, निगम पार्षद कमलेश तिवारी, कलेक्टर विलास भोसकर तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में जिले के कृषकगण उपस्थित रहे।

कृषि वैज्ञानिकों ने मेले में फसल विविधीकरण के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि पारंपरिक धान की खेती की तुलना में गन्ना, सब्जी एवं उद्यानिकी फसलों से किसानों को अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है। वैज्ञानिकों ने उदाहरण देते हुए बताया कि जहां धान की खेती में एक रुपए की लागत पर लगभग 50 पैसे का लाभ मिलता है, वहीं गन्ने की खेती में एक रुपए की लागत पर 75 पैसे का लाभ प्राप्त होता है। वहीं शासन द्वारा संचालित किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी दी।

मुख्य अतिथि राजेश अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में किसानों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि की राशि अब सीधे ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे किसानों को बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने, रासायनिक खादों के अत्यधिक प्रयोग से बचने और मृदा की पोषकता बनाए रखने पर किसानों से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पशुधन विकास विभाग के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को गति दी जा रही है, जिससे 90 प्रतिशत बछिया प्राप्त होने की संभावना बढ़ी है। उन्होंने मत्स्य पालन विभाग की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए भी किसानों को प्रेरित किया गया।

सांसद चिंतामणि महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करने और जैविक खेती अपनाने का आग्रह किया। लूण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने कहा कि किसान मेला किसानों के लिए नवाचार एवं तकनीकी ज्ञान का मंच है। यहां विभिन्न विभागों द्वारा अपनी योजनाओं की जानकारी दी जा रही है, जिससे किसानों को खेती-बाड़ी में आधुनिक तकनीक अपनाने का अवसर मिलेगा।

कलेक्टर विलास भोसकर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी 15 नवम्बर से धान खरीदी प्रारंभ होने जा रही है। इस अवसर पर उन्होंने किसानों से बैंक संबंधी सतर्कता बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मेहनत की कमाई पसीना बहाकर अर्जित करते हैं, लेकिन कई बार बैंक धोखाधड़ी के मामलों में उनकी गाढ़ी कमाई चली जाती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपने बैंक पासबुक का स्टेटमेंट हर 15 से 30 दिनों में अवश्य जांचें, ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता या संदेहास्पद लेन-देन का तुरंत पता चल सके। उन्होंने ने कहा कि फ्रॉड का शिकार होने के बाद अपराधी भले ही जेल चला जाए, लेकिन किसान की मेहनत की कमाई वापस नहीं होती। इसलिए जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। उन्होंने बताया कि सभी बैंक प्रबंधकों को इस संबंध में निर्देशित किया गया है कि यदि किसी किसान को बैंक लेन-देन में समस्या होती है या किसी प्रकार की धोखाधड़ी की आशंका होती है, तो तत्काल प्रशासन को सूचित करें ताकि शीघ्र कार्रवाई की जा सके।

वहीं कार्यक्रम में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत 5 किसानों को टमाटर के ग्राफ्टेड पौधे, 5 किसानों को सरसों बीज, 5 किसानों को स्वॉयल हेल्थ कार्ड एवं बीमा पॉलिसी प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। मत्स्य पालन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 7 लाभार्थियों को आईस बॉक्स एवं मछली पकड़ने के जाल का वितरण किया गया। साथ ही जनप्रतिनिधियों ने ए हेल्प पुस्तक का विमोचन किया।

अंत में जिले के सर्वश्रेष्ठ पशुपालकों को सम्मानित किया गया। किसान मेले के माध्यम से किसानों को कृषि, पशुपालन, उद्यानिकी और मत्स्य पालन के क्षेत्र में नवाचार अपनाने तथा आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र अजिरमा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ संदीप शर्मा, कृषि विभाग उप संचालक पितांबर सिंह दिवान, उद्यानिकी विभाग से उप संचालक जयपाल सिंह मरावी, मत्स्य पालन विभाग उप संचालक सतीश अहिरवार, पशुधन विकास विभाग से डॉ रुपेश सिंह, समस्त विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।


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