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जीपीएफ खातों से 59 लाख की ठगी मामले में बिलासपुर एसएसपी ऑफिस में पदस्थ ASI मधुशिला सुरजाल सस्पेंड, हेड कॉन्स्टेबल बर्खास्त

  बिलासपुर।  जीपीएफ खातों से 59 लाख की ठगी मामले में बिलासपुर एसएसपी ऑफिस में पदस्थ ASI मधुशिला सुरजाल को सस्पेंड और हेड कांस्टेबल संजय श्री...



 बिलासपुर। जीपीएफ खातों से 59 लाख की ठगी मामले में बिलासपुर एसएसपी ऑफिस में पदस्थ ASI मधुशिला सुरजाल को सस्पेंड और हेड कांस्टेबल संजय श्रीवास्तव को बर्खास्त कर दिया गया है। दोनों ने मिलकर ही ठगी की घटना को अंजाम दिया था। सिविल लाइन थाने में दोनों पर 409, 420, 467, 468, 471 और 120 के तहत मामला दर्ज है। दो दिन पहले ही पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल संजय श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था।

मिली जानकारी के अनुसार एएसआई ( एम) के पद पर मधुशीला सुरजाल पदस्थ है। मधुशीला सुरजाल लंबे समय से फंड शाखा की रकम में हवलदार संजय श्रीवास्तव के साथ मिलकर रकम की हेरफेर कर रही थी। रूटीन में फाइलों के अवलोकन के दौरान एसएसपी पारुल माथुर की नजर इन गड़बड़ियों पर पड़ी। दस्तावेजों में काफी कांट-छांट एसएसपी को दिखी। पता चला कि जीपीएफ़ समेत अन्य मद में रकम निकालने के लिए यदि कोई पुलिस कर्मचारी आवेदन देता है तो उसमें कूटरचना कर के कही अधिक रकम फंड प्रभारी मधुशीला सुरजाल के द्वारा निकाल ली जाती है। प्रथम दृष्टया ही मामला संदेहास्पद प्रतीत होने पर एसएसपी पारुल माथुर ने फंड शाखा प्रभारी मधुशीला सुरजाल को लाइन अटैच करते हुए डीएसपी हेड क्वार्टर राजेश श्रीवास्तव को मामले की जांच सौपी।

डीएसपी की जांच में पता चला कि फंड शाखा प्रभारी ने बेलगहना चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव ने मधुशीला सुरजाल के साथ मिलकर बीमा फॉर्म के जीपीएफ के लाखों रुपये की हेराफेरी की है। हवलदार ने बिना फॉर्म के जीपीएफ के 15 लाख, 75 हजार रुपये निकाल कर गबन कर दिया। फंड शाखा से दस्तावेज मंगवा कर जांच करने में पता चला कि दस्तावेजों में काफी कांट- छांट की गई है। जांच में यह भी पाया गया कि कई पुलिसकर्मियों के जीपीएफ फंड से राशि निकाली गई हैं। वही कुछ पुलिसकर्मियों के जीपीएफ फंड की राशी निकालने के बाद वापस जमा की गई है। यह भी तथ्य स्प्ष्ट हुआ डीआईजी सह पुलिस एसएसपी पारुल माथुर के फर्जी हस्ताक्षर के अलावा बैंक के फर्जी सील व चालान का इस्तेमाल भी फर्जीवाड़े में किया गया है। जांच रिपोर्ट डीएसपी हेडक्वार्टर राजेश श्रीवास्तव ने एसएसपी को सौपीं। जिस पर एसएसपी पारुल माथुर ने सिविल लाइन थाना प्रभारी को निर्देशित कर तीन दिन पहले ही गबन, धोखाधड़ी, कूटरचना, आपराधिक षड्यंत्र के मामलें में धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत जुर्म दर्ज करवाया। जुर्म दर्ज होने के बाद बेलगहना चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वही फंड शाखा प्रभारी के पद पर पदस्थ मधुशीला सुरजाल एएसआई (एम) फरार हो गई जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।

पूर्व में दुष्कर्म के मामले में जा चुका है जेल, रहा है धोखाधड़ी का आरोपी:-

मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने षड्यंत्र करते हुए 1 करोड़ रुपये फंड शाखा से निकलवा लिए थे। जिसे पोल खुलने के डर से आधी से थोड़ी कम रकम जमा भी करवा दी। कुछ रकम जमा होने के बाद लगभग 59 लाख रुपये का गबन पुलिस के खाते से हुआ है। इस मामले में गिरफ्तार प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव शुरू से ही विवादित रहा है। वह पूर्व में रेप के मामलें में जेल जा चुका है। इसके अलावा उसके खिलाफ सिविल लाइन थाने में ही धोखाधड़ी का अपराध भी दर्ज किया गया था। जेल से छूटने के बाद वह बेलगहना चौकी में पदस्थ था।

एसएसपी पारुल माथुर ने पुलिस बल के सदस्य के रूप में प्रधान आरक्षक का कृत्य विभागीय व्यवस्था व नियमों के विपरीत पाए जाने पर पुलिस विभाग एवं जनहित में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311,2 ख के अधीन प्रदत शक्तियों के आधार पर प्रधान आरक्षक क्रमांक 88 संजय श्रीवास्तव को बर्खास्त कर दिया है। वही एएसआई (एम) मधुशीला सुरजाल को निलंबित कर दिया है।

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