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Omicron वेरिएंट के चलते ट्रैवल नियम सख्त, टेस्ट के लिए करना पड़ रहा 6 घंटे तक इंतजार; 10 बातें...

यह नई ट्रैवल एडवाइजरी आज से प्रभावी हुई हैं, जिसके चलते देशभर के एयरपोर्ट्स पर जोखिम वाले देशों से आ रहे यात्रियों की कोरोना जांच और क्वारंट...

यह नई ट्रैवल एडवाइजरी आज से प्रभावी हुई हैं, जिसके चलते देशभर के एयरपोर्ट्स पर जोखिम वाले देशों से आ रहे यात्रियों की कोरोना जांच और क्वारंटाइन करने का सिलसिला शुरू हो गया है.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारत में ओमिक्रॉन के संक्रमण को पहुंचने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नए नियम जारी किए हैं. यह नई ट्रैवल एडवाइजरी आज से प्रभावी हुई जिसके चलते देशभर के एयरपोर्ट्स पर जोखिम वाले देशों से आ रहे यात्रियों की कोरोना जांच और क्वारंटाइन करने का सिलसिला शुरू हो गया है. 'ओमिक्रॉन' के मद्देनजर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद इनकी घोषणा की गई थी. इसके तहत जिन देशों में खतरा ज्यादा है वहां से आने वाले यात्रियों का कोविड परीक्षण किया जाएगा और सात ​दिनों तक होम क्वारंटाइन करने के लिए भी कहा गया है.


यहां पढ़ें अहम 10 बातें

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'जोखिम भरे' देशों से सभी अंतरराष्ट्रीय आगमन पर COVID-19 के लिए परीक्षण किया जा रहा है. केवल नेगिटिव रिपोर्ट वालों को ही एयरपोर्ट से बाहर जाने की अनुमति दी जा रही है. इसके अलावा उन्हें एक सप्ताह के लिए होम क्वारंटाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके बाद उन्हें नेगिटिव रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए एक और पीसीआर परीक्षण करने को कहा गया है.

आज सुबह दिल्ली हवाई अड्डे की ओर से बताया गया कि चार 'जोखिम भरे' देशों से अपने वाली उड़ानों के 1,013 यात्रियों ने "औपचारिकताएं सफलतापूर्वक पूरी की". हालांकि रिपोर्ट के अनुसार रेपिड टेस्ट करवा रहे यात्रियों को 2.5 से तीन घंटे और पीसीआर टेस्ट करवाने वालों को करीब छह घंटे तक एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ रहा है. ​इसके अलावा इमिग्रेशन और कस्टम्स में अलग समय लग रहा है.

मुंबई हवाई अड्डे पर, 'जोखिम भरे' देशों के सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अनिवार्य रूप से सात दिन के क्वारंटाइन होना होगा, इस दौरान उन्हें आगमन के बाद दूसरे, चौथे और सातवें दिन तीन आरटी-पीसीआर परीक्षण करने होंगे. जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें जाने दिया जाएगा.

जिन देशों को 'जोखिम भरे' देशों की सूची में नहीं रखा गया है, वहां से आने वाले दो प्रतिशत यात्रियों (यादृच्छिक रूप से चयनित) का आगमन पर COVID-19 के लिए परीक्षण किया जाएगा. अगर ये निगेटिव हैं तो वे एयरपोर्ट छोड़ सकते हैं.

'जोखिम भरे' देशों से आने वाले लोगों के लिए संस्थागत क्वारंटाइन (यात्री के खर्च पर) को अनिवार्य करने का आदेश कल देर रात जारी किया गया. संस्थागत क्वारंटाइन की आवश्यकता है, राज्य ने कहा है, क्योंकि आगमन के तुरंत बाद किए गए परीक्षण अक्सर गलत परिणाम देते हैं. कल रात (आदेश के तुरंत बाद) आने वाले यात्रियों का कोविड परीक्षण किया गया और नेग्ररिटव रिपोर्ट आने पर उन्हें जाने दिया गया.

आज सुबह महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 'जोखिम भरे' देशों से आने वाले छह यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. सभी छह या तो लक्षण न के बराबर हैं या फिर नहीं हैं और उनके सैम्पल जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं. संपर्क ट्रेसिंग चल रही है.

बेंगलुरु में उतरने वाले 'जोखिम भरे' देशों के सभी यात्रियों को एक COVID-19 परीक्षण करना होगा और जब तक कि उनकी रिपोर्ट नेगिटिव न हो, तब तक नहीं छोड़ सकते. निगेटिव आने पर उन्हें सात दिन होम क्वारंटाइन का पालन करना होगा और आठवें दिन टेस्ट करवाना होगा। इसके बाद एक और नेगेटिव रिपोर्ट के लिए अगले सात दिनों तक उन्हें सेल्फ मॉनिटरिंग करनी होगी.

चेन्नई में भी 'जोखिम भरे' देशों के सभी यात्रियों का परीक्षण किया जा रहा है और नेगेटिव परिणाम आने पर ही वे एयरपोर्ट से बाहर जा सकते हैं. मुंबई की तरह, अन्य देशों के केवल दो प्रतिशत यात्रियों का ही परीक्षण किया जा रहा है, और वे परिणामों की प्रतीक्षा किए बिना जा सकते हैं. अब तक 88 लोगों का परीक्षण किया जा चुका है और सभी कोविड नेगेटिव पाए गए.

 26 नवंबर को, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हांगकांग और इज़राइल को 'जोखिम भरे' देशों की सूची में रखा गया था. इन देशों में से, कुछ यूरोपीय देशों (यूके, जर्मनी, स्पेन, बेल्जियम, इटली और नीदरलैंड सहित) दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, इजराइल और हांगकांग ने जापान की तरह ओमिक्रॉन मामलों की पुष्टि की है.

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा है कि ओमिक्रॉन संस्करण - जिसमें 50 से अधिक म्यूटेशन हैं, को अत्यधिक संचरित माना जाता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह "बहुत अधिक" वैश्विक जोखिम से भरा है. अभी तक भारत में इसके केस नहीं मिले हैं, लेकिन आईसीएमआर के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने एनडीटीवी को बताया कि इसका स्ट्रेन पहले से ही मौजूद है.

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