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24 नवंबर को नगरीय निकाय निर्वाचन 2021 के कार्यक्रम जारी होने के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है

 धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाय प्रचार-प्रसार के लिये नहीं होगा संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना प्रचार पर होगी कार्रवाही रायुपर । छत...

 धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाय प्रचार-प्रसार के लिये नहीं होगा
संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना प्रचार पर होगी कार्रवाही

रायुपर ।छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग, रायपुर के द्वारा 24 नवंबर को नगरीय निकाय निर्वाचन 2021 के कार्यक्रम जारी होने के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी रायपुर श्री सौरभ कुमार ने छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों का कठोरतापूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।


उल्लेखनीय है कि निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अन्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिये शासकीय/ अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाते हैं तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खम्भों पर चुनाव प्रचार से सम्बन्धित झंडिया लगाई जाती है, जिसके कारण शासकीय/अशासकीय संपत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है।

छत्तीसगढ़ संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधानानुसार कोई भी व्यक्ति जो संपत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी संपत्ति को स्याही, खडिया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा एक हजार रूपया तक का जुर्माना किया जा सकेगा। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, संपत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही किया जाना है।

कलेक्टर ने सपूर्ण चुनाव प्रकिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों द्वारा भवन स्वामी की सहमति के बिना भवनों की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है, तो ऐसे कृत्यों के निवारण के लिये एक टीम तत्काल प्रभाव से गठित करने कहा। इस टीम में नगरीय निकाय (नगर पालिक निगम बीरगांव एवं नगर पालिका परिषद गोवरानवापारा) लोक निर्माण विभाग तथा राजस्व विभाग एवं पुलिस विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को सम्मिलित किया जाएगा। यह टीम उक्त क्षेत्र में संबंधित आयुक्त और मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं शेष क्षेत्रों हेतु सम्बन्धित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा किया जाएगा। यह टीम सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति को संपत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्व स्वरूप में लाएगी तथा टीम द्वारा संपत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी।

यदि किसी राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी संपत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है तो निजी संपत्ति के स्वामी द्वारा संबंधित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी संपत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा, एवं सम्बंधित थाना प्रभारी प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत करेगा।

इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जायेगा। थाना प्रभारी द्वारा संपत्ति विरूपण से संबंधित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही प्रारम्भ की जायेगी। सम्बन्धित टीम शिकायत या उन्हें प्राप्त संपत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक पंजी में दर्ज करेगी एवं विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी और विडियोग्राफी करायेगी।

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