नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को नई दि...
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को नई दिल्ली स्थित प्रवासी भारतीय केंद्र में ‘नई चेतना इनिशिएटिव फॉर चेंज’ के चौथे संस्करण ‘नई चेतना 4.0’ का शुभारंभ किया। यह राष्ट्रीय अभियान पूरे देश में लैंगिक समानता, महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान, डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह मौजूद रहे।
कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए लगातार ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान अब एक जन आंदोलन बन चुका है और ग्रामीण भारत में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की आवाज समाज और सरकार के हर स्तर पर सुनी जानी चाहिए और इसे सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है।
उन्होंने यह भी कहा कि समाज में बेटियों को लेकर मौजूद भेदभावपूर्ण सोच को बदलना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सरकार लगातार “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” जैसे प्रयासों को आगे बढ़ा रही है। चौहान ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि देश में 2 करोड़ से अधिक महिलाएं अब ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं और यह सफलता स्वयं सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोई भी बहन गरीब नहीं रहेगी और सरकार का प्रयास है कि किसी भी महिला की आंखों में आंसू न हों। उन्होंने कहा “हर महिला मुस्कुराए, हर महिला सक्षम बने यही हमारा लक्ष्य है”।
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि बेटियों को नकारात्मक दृष्टि से देखने वाली मानसिकता को खत्म करना होगा और यदि आवश्यक हो तो ऐसे तत्वों का सामना भी करना चाहिए। उन्होंने घोषणा की कि देशभर में “हिंसा-रहित गांव” बनाने के लिए एक बड़े जन अभियान की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि महिलाओं के खिलाफ किसी भी परिस्थिति में हिंसा स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि नशा अधिकांश बुराइयों का कारण है और गांव-गांव में महिलाएं नशा-उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाएं।
यह अभियान लैंगिक आधारित हिंसा के खिलाफ जागरूकता पैदा करने, महिलाओं की सुरक्षित गतिशीलता सुनिश्चित करने, घरेलू कार्यों में साझा जिम्मेदारी को बढ़ावा देने और महिलाओं के आर्थिक योगदान को पहचान देने पर केंद्रित है। यह राष्ट्रीय अभियान ग्रामीण विकास मंत्रालय की DAY-NRLM (दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत 23 दिसंबर 2025 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जाएगा। देशभर में फैले स्वयं सहायता समूहों का विशाल नेटवर्क इस अभियान का नेतृत्व कर रहा है।
कार्यक्रम में 11 मंत्रालयों/विभागों द्वारा एक संयुक्त सलाह जारी की गई, जिसमें : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, गृह मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा न्याय विभाग शामिल है। यह पहल ‘सम्पूर्ण सरकार दृष्टिकोण’ का उदाहरण है, जिसके माध्यम से सभी मंत्रालय मिलकर लैंगिक भेदभाव और हिंसा के उन्मूलन की दिशा में कार्य कर रहे हैं।


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