नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा लिखे गए एक लेख को साझा किया...
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव द्वारा लिखे गए एक लेख को साझा किया, जिसमें भारत की वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में पिछले एक दशक में हुई उल्लेखनीय प्रगति का विस्तार से उल्लेख किया गया है। यह लेख भारत सरकार के वन्यजीव संरक्षण को लेकर किए गए निरंतर और केंद्रित प्रयासों को दर्शाता है, जिनका उद्देश्य न केवल विलुप्त होती प्रजातियों को बचाना है, बल्कि क्षतिग्रस्त प्राकृतिक आवासों को पुनर्जीवित करना भी है।
लेख में बताया गया है कि भारत ने पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी को अपनी नीतियों के केंद्र में रखा है और कई प्रमुख परियोजनाओं के माध्यम से इसे साकार भी किया गया है। इनमें अमृत काल का टाइगर विजन (Tiger@2047), प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड, प्रोजेक्ट चीता और प्रोजेक्ट डॉल्फिन जैसी महत्वाकांक्षी पहलें शामिल हैं, जिनका उद्देश्य देश के जैव विविधता भरे पारिस्थितिक तंत्र को सुरक्षित और समृद्ध बनाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भूपेंद्र यादव के इस लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इस लेख में केंद्रीय मंत्री ने विस्तार से बताया है कि भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों ने पिछले एक दशक में किस प्रकार प्रजातियों को बचाने और क्षतिग्रस्त आवासों को बहाल करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने अमृत काल का टाइगर विजन, प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड, प्रोजेक्ट चीता और प्रोजेक्ट डॉल्फिन जैसी पहलों का उल्लेख किया है, जो वन्यजीव संरक्षण के लिए आशा और सकारात्मकता की नई किरण लेकर आई हैं।”
प्रधानमंत्री द्वारा साझा किया गया यह लेख भारत की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता और वैश्विक मंच पर उसकी अग्रणी भूमिका को उजागर करता है, जहां विकास और पारिस्थितिक संतुलन दोनों को समान महत्व दिया जा रहा है।
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