नई दिल्ली। भारतीय खेलों के ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडियनऑयल नई दिल्ली 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की ...
नई दिल्ली। भारतीय खेलों के ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडियनऑयल नई दिल्ली 2025 विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेज़बानी दुनिया के सामने भारत को एक “खेलप्रेमी और समावेशी” राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगी। इस प्रतियोगिता का उद्घाटन समारोह गुरुवार शाम को जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ।
करीब 2,200 प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “बाधाओं को तोड़ते हुए और नए कीर्तिमान स्थापित करते हुए, पारा एथलीट्स ने भारत की पहचान को एक उभरते स्पोर्टिंग हब के रूप में मजबूत किया है और लाखों लोगों को खेल को जीवनशैली के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया है।”
भारत एशिया का चौथा देश (कतर 2015, यूएई 2019 और जापान 2024 के बाद) है जिसने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेज़बानी की है। यह आयोजन पैरालंपिक समिति ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, “खेल लोगों को जोड़ने और धर्म, क्षेत्र व राष्ट्रीयता की सीमाओं से परे ले जाने का माध्यम है। आज की दुनिया में खेल की यह एकजुट करने वाली शक्ति और भी महत्वपूर्ण है। मुझे विश्वास है कि WPAC प्रतिभागियों और दर्शकों पर भी यही प्रभाव डालेगा।”
रंगारंग उद्घाटन समारोह में केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केंद्रीय राज्यमंत्री रक्षा खडसे, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद कंगना रनौत, दिल्ली के शिक्षा मंत्री अश्विनी सूद और वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स के प्रमुख पॉल फिट्ज़गेराल्ड समेत कई गणमान्य उपस्थित रहे।
WPAC पहली बार जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के नए बने मोंडो ट्रैक पर आयोजित होगा। यह ट्रैक, जो नीले रंग के शेड में है और पेरिस पैरालंपिक 2024 में इस्तेमाल हुआ था, 29 अगस्त (राष्ट्रीय खेल दिवस) को डॉ. मांडविया ने उद्घाटन किया था। उन्होंने गुरुवार को स्टेडियम परिसर में मोंडो वॉर्म-अप ट्रैक और एक मल्टी-स्पेशियलिटी जिम्नेज़ियम भी खोला, जहाँ एक साथ 200 से अधिक एथलीट अभ्यास कर सकते हैं।
डॉ. मांडविया ने WPAC को औपचारिक रूप से उद्घोषित करते हुए कहा, “यह प्रतियोगिता भारत के लिए गर्व, प्रगति और उद्देश्य का प्रतीक है। हमारे पास अब तक का सबसे बड़ा पैरा दल है – 74 खिलाड़ी, जो दर्शाता है कि देश में पैरा स्पोर्ट्स कितनी गहराई से जड़ें जमा चुका है। हमारे स्टार खिलाड़ी सुमित अंतिल, प्रीति पाल, दीप्ति जीवनजी, धरमबीर नैण और प्रवीण कुमार घरेलू मैदान पर प्रतिस्पर्धा करेंगे।”
WPAC की प्रतियोगिताएँ 27 सितम्बर से शुरू होंगी, जिनमें 186 स्वर्ण पदकों के लिए मुकाबले होंगे। वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स प्रमुख पॉल फिट्ज़गेराल्ड ने कहा, “दर्शक और वैश्विक स्तर पर लोग एथलीट्स की अद्भुत क्षमता, गति और शक्ति का अनुभव करेंगे। हाँ, कई विश्व रिकॉर्ड टूटेंगे, कई विश्व चैंपियन बनेंगे, लेकिन हर खिलाड़ी अपने सपने पूरे नहीं कर पाएगा। जीत और हार दोनों के अनुभव होंगे, और हम सबको उन भावनाओं का हिस्सा बनना चाहिए।”
भारत इस आयोजन के ज़रिये नियमित रूप से वैश्विक खेल आयोजनों की मेज़बानी और बड़े मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट्स आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। डॉ. मांडविया ने कहा, “हम कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की योजना में आगे बढ़ रहे हैं और 2036 में ओलंपिक गेम्स की मेज़बानी की ओर देख रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि खेल सिर्फ चैंपियंस ही नहीं बनाता, बल्कि शांति, प्रगति और वेलनेस को भी बढ़ावा देता है।”
उन्होंने कहा कि WPAC क्षमता निर्माण को भी मज़बूत करेगा। “हम सुलभ स्थान, बेहतर सपोर्ट सिस्टम और समान अवसरों पर आधारित नई सोच को आगे छोड़ेंगे। यही असली विरासत होगी जो पदक वितरण के बाद भी कायम रहेगी।”
भारत के शीर्ष पैरा खिलाड़ी, जिनमें कई पैरालंपिक मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैंपियन शामिल हैं, घरेलू मैदान पर खेलने को लेकर उत्साहित हैं। कोबे (जापान) में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था, 17 पदक (6 स्वर्ण, 5 रजत, 6 कांस्य) जीतकर 6वें स्थान पर रहा। पेरिस 2023 संस्करण में भारत ने 10 पदक (3 स्वर्ण, 4 रजत, 3 कांस्य) जीते थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने पैरा एथलीट्स की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, “पैरा खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने दृढ़ता और संकल्प का नया अर्थ गढ़ा है। उनकी उपलब्धियों ने यह विश्वास जगाया है कि कोई भी चुनौती असंभव नहीं है।”
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