कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने रविवार को...
कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने रविवार को इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि मैंने अपना पद छोड़ने का फैसला लिया है.
ममता बनर्जी को लिखा पत्र
जवाहर सरकार ने ममता बनर्जी को लिखे पत्र में कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि आरजी कर अस्पताल में हुई दरिंदगी को लेकर वह तुरंत कोई सख्त कदम उठाएंगी. वह पुरानी ममता बनर्जी की तरह इसपर एक्शन लेंगी. लेकिन उन्होंने तुरंत कोई ठोस कदम नहीं उठाया. कदम उठाया भी तो बहुत देर हो चुकी थी. उन्होंने उम्मीद जताई की राज्य में जल्द ही शांति बहाल होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए.
उन्होंने कहा, 'आरजी कर अस्पताल में हुई भयानक घटना के बाद से पीड़ित हूं और ममता बनर्जी की पुरानी शैली में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर के साथ आपके सीधे हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहा था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ.'
जवाहर सरकार ने अपने पत्र में कहा है कि कोलकाता में हो रहा मौजूदा विरोध प्रदर्शन जिसने बंगाल को झकझोर कर रख दिया है, वह टीएमसी सरकार के 'कुछ पसंदीदा लोगों और भ्रष्ट लोगों के अनियंत्रित दबंग रवैये' के खिलाफ जनता के गुस्से का प्रतिबिंब है.
पार्टी में भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया
सीएम ममता को लिखे अपने पत्र में जवाहर सरकार ने पार्टी में भ्रष्टाचार का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि पंचायत और नगर पालिकाओं में स्थानीय स्तर के पार्टी नेताओं ने भारी संपत्ति अर्जित की है, जिससे बंगाल के लोगों को नुकसान हुआ है. यह भी सच है कि दूसरे अन्य दलों के नेताओं बहुत ज्यादा संपत्ति अर्जित की है, लेकिन बंगाल इस तरह के भ्रष्टाचार और वर्चस्व को स्वीकार नहीं कर पा रहा है. मैं जानता हूं कि मौजूदा केंद्रीय शासन अपने बनाए अरबपतियों पर फल-फूल रहा है और एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब मैं उस क्रोनोलोजी पर हमला न करूं. मैं बस कुछ चीजों को स्वीकार नहीं कर सकता, जिसमें भ्रष्टाचार प्रमुख है.
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