नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस और यूक्रेन की जंग खत्म करने का फॉर्म्युला सुझाया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन संघर्ष का ...
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस और यूक्रेन की जंग खत्म करने का फॉर्म्युला सुझाया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं हो सकता और रूस-यूक्रेन को बातचीत करनी ही होगी. उन्होंने आगे कहा कि अगर वे सलाह चाहते हैं, तो भारत सलाह देने का सदैव इच्छुक है. जयशंकर ने जर्मन विदेश मंत्रालय के वार्षिक राजदूत सम्मेलन में सवालों का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की.
उन्होंने एक दिन पहले सऊदी अरब की राजधानी में भारत-खाड़ी सहयोग परिषद के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ सार्थक वार्ता की थी. उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि इस संघर्ष का युद्ध के मैदान में कोई हल निकलने वाला है. कहीं न कहीं, कुछ बातचीत तो होगी ही. जब कोई बातचीत होगी, तो मुख्य पक्षों - रूस और यूक्रेन को उस बातचीत में शामिल होना ही होगा.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और यूक्रेन यात्राओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम ने मॉस्को और कीव में कहा है कि यह युद्ध का युग नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हमें नहीं लगता है कि आपको रणभूमि में कोई समाधान मिलने जा रहा है. हमारा मानना है कि आपको बातचीत करनी होगी.... अगर आप सलाह चाहते हैं तो हम इसके लिए सदैव इच्छुक हैं.’
रूस पर जयशंकर का सुझाव
जयशंकर ने कहा कि कई देशों के बीच मतभेद होते ही हैं लेकिन संघर्ष मतभेदों के समाधान का तरीका नहीं है. बाद में, अपनी जर्मन समकक्ष एनालेना बेयरबॉक के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता में जयशंकर ने इस मुद्दे पर हर चर्चा में रूस को शामिल करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, ‘जब कोई चर्चा होती है, तो हम सोचते हैं कि इसमें रूस का होना जरूरी है. अन्यथा, चर्चा आगे नहीं बढ़ सकती. जहां तक भारत का सवाल है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दोनों पक्ष क्या चाहते हैं. हम उनसे लगातार बात करते हैं.’
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा, ‘हमारे लिए महत्वपूर्ण यह है कि आज जो संघर्ष हो रहा है उसकी वास्तविकता क्या है. इसलिए, हम हमेशा ऐसे किसी भी कदम के लिए तैयार हैं जो गंभीर हो, जो प्रभावशाली हो और जो हमारे विचार में शांति की दिशा में एक कदम हो.’
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