दंतेवाड़ा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के घर वापसी अभियान लोन वर्राटू से प्रभावित होकर नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जु...
दंतेवाड़ा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के घर वापसी अभियान लोन वर्राटू से प्रभावित होकर नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। इसी कड़ी में दो नक्सलियों ने शनिवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। इनमें एक नक्सली पर 1 लाख रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया था। पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा द्वारा नक्सली संगठन के सदस्यों से संगठन छोडऩे की लगातार अपील की जा रही है। इसके फलस्वरूप संगठन के सदस्यों द्वारा आत्मसमर्पण किया जा रहा है। ककाड़ी पंचायत डीएकेएमएस अध्यक्ष उमेश उर्फ भीमा हेमला, उम्र 35 वर्ष द्वारा उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप उपमहाद्रीक्षक सीआरपीएफ विकास कठेरिया और पुलिस अधीक्षक के गौरव राय के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया।
उक्त नक्सली विभिन्न वारदातों में शामिल था इसके फल स्वरुप राज्य शासन द्वारा 1 लाख रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया था। इसी कड़ी में गोन्डेरास पंचायत प्लाटून मिलिशिया सदस्य जोगा मुचाकी, उम्र 25 वर्ष द्वारा भी पुलिस अफसर के समक्ष आत्मसमर्पण किया गया। उक्त नक्सली सुकमा जिला अंतर्गत फुलबगड़ी थाना अंतर्गत गोंडेरास गांव का निवासी है। इस समर्पण में सीआरपीएफ की 111 वाहिनी 231 विवाहिनी और विचारधारा की प्रचार प्रसार में शामिल था। उक्त समर्पण डीआरजी कार्यालय में हुआ। इस सफलता में सीआरपीएफ नें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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