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पचपेड़ी गोलीकांड को 36 घंटे में सुलझाने वाली टीम को एसएसपी ने सराहा , प्रशंसा पत्र के साथ इनाम की बारिश , दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश भागने के दौरान पकड़ाये, पुरानी रंजिश के चलते की थी हत्या

  पचपेड़ी गोलीकांड ऊपर ऊपर से ऐसा लग रहा है जैसे गुटखा खरीदने के विवाद में गोली चल गई, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। आरोपियों की पिता-पुत्र से ...

 


पचपेड़ी गोलीकांड ऊपर ऊपर से ऐसा लग रहा है जैसे गुटखा खरीदने के विवाद में गोली चल गई, लेकिन असल में ऐसा नहीं है। आरोपियों की पिता-पुत्र से 2 महीने पहले और होली के दौरान की पुरानी रंजिश थी, जिस वजह से योजना बनाकर दोनों आरोपियो ने बेवजह विवाद किया और फिर मौका पाकर पुत्र को गोली मार दी । वैसे कोशिश उन्होंने पिता को भी गोली मारने की की थी लेकिन वह नाकाम हो गए ।

पचपेड़ी थाना क्षेत्र के मानिकचौरी में किराना दुकान चलाने वाले मंगत राम अजय के पुत्र 17 वर्षीय अनीश अजय से गांव के ही दो शातिर बदमाश नंद किशोर साहू और भूपेंद्र पोर्ते रविवार की रात गुटका खरीदने पहुंचे थे। गुटखा खरीद कर वे बिना पैसा दिए ही जाने लगे। इसके बाद अनीश द्वारा पैसे मांगने पर दोनों विवाद करने लगे । इस बीच पूरा परिवार आ गया तो दोनों बदमाशों ने ईंट से उन पर हमला कर दिया । इसी बीच भूपेंद्र पोर्ते ने पिस्तौल निकाल लिया। बहस के दौरान अनीश अजय के पेट में गोली मार दी गयी। बदमाशों ने उसके पिता मंगतराम अजय पर भी गोली चलाने की कोशिश की थी, लेकिन पिस्टल से गोली नहीं चली।

हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए। इधर गांव में गोली कांड के बाद से दहशत का माहौल था। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया। खुद एसएसपी पारुल माथुर मौके पर पहुंची। पुलिस की 3 टीम बनाई गई , जिसने आरोपियों की तलाश शुरू की। सूचना मिली की दोनों आरोपी भाग कर अपने मित्र बीर सिंह साहू के पास पहुंचे थे, जिसे उसके ससुराल से पकड़ा गया। वीर सिंह ने बताया कि दोनों आरोपी भूपेंद्र पोर्ते और नंदू साहू 9 अक्टूबर की रात उसके ही घर पर ठहरे थे । दूसरे दिन 10 अक्टूबर की सुबह उसने ही दोनों को भाटापारा स्टेशन में इलाहाबाद जाने के लिए सारनाथ एक्सप्रेस में बिठा दिया था। वही उनके पास मौजूद कट्टा और मोटरसाइकिल उसने खुद रख लिया था। जिस देसी पिस्टल से गोली चलाई गई थी उसे भूपेंद्र ने यूपी से खरीदा था और दोनों उत्तर प्रदेश ही भागने की तैयारी में थे।

पुलिस ने वीर सिंह साहू को गिरफ्तार कर अब सारनाथ एक्सप्रेस की तलाशी शुरू की। एक टीम उसलापुर रेलवे स्टेशन में और एक टीम कोटा रेलवे स्टेशन पहुंची। जनरल डिब्बे में जांच की गई तो आरोपी नंद किशोर साहू बर्थ के नीचे छिपा मिल गया। इस दौरान भी दूसरा आरोपी नहीं मिला। ट्रेन आगे बढ़ी और पुलिस की टीम भी उसे जनरल डिब्बे में खोजती रही। इसी दौरान कोटा में भूपेंद्र गुप्ता मिल गया। जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पकड़े जाने पर दोनों ने बताया कि उनका अनीश और उसके पिता मंतूराम अजय से होली और 2 महीने पहले भी विवाद हुआ था। इसके चलते इन लोगों ने वीर सिंह साहू के घर में दोनों बाप बेटे को मारने का प्लान बनाया था।

इसी प्लान के तहत दोनों गुटखा खरीदने पहुंचे थे और बेवजह का झगड़ा कर पिता और पुत्र पर गोली चलाई थी। सौभाग्य से मंतूराम अजय पर चली गोली पिस्टल में ही फस गई। इस वजह से वह बच गया। इस गोलीकांड को 36 घंटे के भीतर सुलझाने और तीनों आरोपियों के गिरफ्तारी करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा टीम में शामिल सभी को प्रशंसा पत्र दिया गया, वहीं इस हत्याकांड के बाद आईजी ने 10,000 और एसएसपी ने ₹5000 इनाम की घोषणा टीम के लिए की है।

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