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मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना जरूरी-सीएमएचओ

 सूरजपुर।  राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) बेंगलुरू के सहयोग...

 सूरजपुर।  राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) बेंगलुरू के सहयोग से संचालित TORENT (टेलीमॉनिटरिंग फॉर रूरल हेल्थ ऑर्गेनाइजर ऑफ छत्तीसगढ़) प्रोजेक्ट के अंतर्गत सूरजपुर जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य संयोजक (सीएचओ) का मानसिक स्वास्थ्य पर एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य की  समस्या से जूझ रहे लोगों की पहचान कर उन्हें समय रहते जिला चिकित्सालय के स्पर्श क्लीनिक से जोड़ना है। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.आरएस सिंह, ने प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए बताया, निमहंस बेंगलुरु की मुख्य प्रशिक्षक पुष्पा के द्वारा 38 सामुदायिक स्वास्थ्य संयोजक (सीएचओ) को रोगी पहचान, स्क्रीनिंग एवं काउंसलिंग के साथ-साथ साइकोसोशल इंटरवेंशन एवं मरीजों के रेफरल को सुदृढ़ किए जाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इस प्रशिक्षण को मूल उद्देश मानसिक रोगियों को समय रहते  पहचान कर सरकार द्वारा प्रदान की जा रही निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं से  जोड़ना और उन्हे  सामान्य जीवन यापन करने की ओर प्रेरित करना भी है ।“ 

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस)बेंगलुरू से आयीं मुख्य प्रशिक्षक पुष्पा ने बताया, “शरीर के स्वास्थ्य के साथ दिमाग के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। अगर किसी इंसान में नींद न आना, घबराहट, डर, बेचैनी, तनाव, हमेशा किसी बात की चिंता है, तो यह मानसिक बीमारी का लक्षण है। ऐसे में तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्ति को अकेले न छोड़ें। उनके साथ अच्छा व्यवहार करें और गीत-संगीत, प्रेरक कहानियों के माध्यम से उन्हें अवसाद से बाहर निकालने का प्रयास करें।मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति रखने पर जोर देना चाहिए।“ 

मानसिक रोग से जुड़ी आवश्यक जानकारी

शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का निकट संबंध है। मानसिक विकार व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी बर्तावों जैसे, समझदारी से भोजन करने, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन व्यवहार, मद्य और धूम्रपान, चिकित्सकीय उपचारों का पालन करने आदि को प्रभावित करते हैं। मानसिक अस्वस्थता के कारण सामाजिक समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं जैसे, बेरोजगार, बिखरे हुए परिवार, गरीबी, नशीले पदार्थों का दुर्व्यसन और संबंधित अपराध। मानसिक अस्वस्थता रोग निरोधक क्रियाशीलता के ह्रास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रशिक्षण में जिला नोडल अधिकारी (एनएमएच पी)डॉ. राजेश पैकरा  ,जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ.अनिता पैकरा, के साथ जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के साइकोलॉजिस्ट सचिन मातुरकर, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर नंदकिशोर वर्मा , सोशल वर्कर प्रियंका मण्डल एवं नर्सिंग ऑफिसर मनोज कुमार का विशेष  सहयोग रहा । 


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