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सोनिया-राहुल से भाजपा का सवाल: क्या आज अपनी चुप्पी तोड़ेंगे, वीर सेना को क्यों नहीं दी गई खुली छूट?

नई दिल्ली  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने बुक बम फोड़कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। मनीष तिवारी की किताब पर अब भाजपा ने तीखा हमल...

नई दिल्ली 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने बुक बम फोड़कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। मनीष तिवारी की किताब पर अब भाजपा ने तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि मनीष तिवारी द्वारा लिखी गई पुस्तक में कुछ भी गलत नहीं कहा गया है। ये कांग्रेस की विफलता का कबूलनामा है। दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गौरव भाटिया ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा।


उन्होंने पूछा कि क्या  सोनिया गांधी और राहुल गांधी मनीष तिवारी की किताब में किए गए दावे पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे? भाटिया ने किताब का जिक्र करते हुए कहा कि इस तथ्य के बाद आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस की जो सरकार थी वो निठल्ली, निकम्मी थी, लेकिन राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उनको चिंता नहीं थी। हर भारतीय ये बात कहता था, भाजपा भी यही बात कह रही थी। आज कांग्रेस शासन में मंत्री रहे मनीष तिवारी  ने स्वीकारा है कि उनकी सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गौरव भाटिया ने कांग्रेस पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगा दी। 

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की यूपीए सरकार की आलोचना 

बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने 10 फ्लैश प्वाइंट; 20 साल नाम से एक किताब लिखी है। किताब के जरिए मनीष तिवारी ने मुंबई हमले के बाद कोई कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर  यूपीए सरकार की आलोचना की। अपनी किताब में मनीष तिवारी ने लिखा कि मुंबई हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने ये भी लिखा कि कार्रवाई न करना कमजोरी की निशानी है।

मनीष तिवारी ने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से की

मनीष तिवारी ने अपनी किताब में लिखा कि जब किसी देश (पाकिस्तान) को अगर निर्दोष लोगों के कत्लेआम करने का कोई खेद नहीं तो संयम ताकत की पहचान नहीं है, बल्कि कमजोरी की निशानी है। 26/11 एक ऐसा मौका था जब शब्दों से ज्यादा जवाबी कार्रवाई करने की जरूरत थी। तिवारी ने मुंबई हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 से करते हुए कहा कि भारत को उस समय तीव्र जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए थी।


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