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युवा ऋतुराज और अवेश पूरी सीरीज बेंच पर बैठे रहे, व्यस्त शेड्यूल से सीनियर खिलाड़ी थके तो उन्हें आराम क्यों नहीं

कोलकाता- न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी टी-20 मैच में भी ऋतुराज गायकवाड़ और अवेश खान को भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया। ये दोनों युवा खिलाड़...




कोलकाता- न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी टी-20 मैच में भी ऋतुराज गायकवाड़ और अवेश खान को भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया। ये दोनों युवा खिलाड़ी पूरी सीरीज बेंच पर बैठे रहे और इन्हें कोई मौका नहीं दिया गया। भारत शुरुआती दोनों मैच जीतकर सीरीज अपने नाम कर चुका था। ऐसे में तीसरे मैच में इन दोनों खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता था, लेकिन कप्तान रोहित और टीम मैनेजमेंट ने यह उचित नहीं समझा। 

भारतीय टीम में यह सब ऐसे समय में हो रहा है, जब खिलाड़ी व्यस्त शेड्यूल को लेकर शिकायत कर रहे हैं और खराब प्रदर्शन के लिए थकान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसके बावजूद पंत और रोहित जैसे खिलाड़ी लगातार मैच खेल रहे हैं। थकान की वजह से इनका प्रदर्शन भी प्रभावित हो सकता है।

पंत को आराम क्यों नहीं

भारतीय टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत कई महीनों से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। पहले उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हिस्सा लिया। इसके बाद इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज फिर आईपीएल 2021 और अंत में टी-20 वर्ल्डकप भी खेला। इसके बाद न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में भी वो तीनों मैच खेले। यही हाल रोहित का रहा, ऐसे में थकान इन खिलाड़ियों पर हावी हो सकती है। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे मैच में इशान को टीम में लिया गया तो पंत को आराम दिया जा सकता था और ऋतुराज को भी मौका मिल सकता था, लेकिन कप्तान रोहित ने ऐसा नहीं किया। 

युवा खिलाड़ियों का मनोबल गिरना तय

जब आवेश खान और ऋतुराज के साथ वेंकटेश को भारतीय टीम में चुना गया था तो इन सभी खिलाड़ियों के चेहरे खिले हुए थे और उनका मनोबल सातवें आसमान पर था। सीरीज के तीसरे मैच में परिस्थितियां अनुकूल थी और इन दोनों खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता था। इस साल टी-20 क्रिकेट में ऋतुराज सबसे ज्यादा रन और अवेश सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय खिलाड़ी हैं। इसके बावजूद उन्हें मौका नहीं दिया। ये दोनों बेंच पर बैठे रहे और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी भी नहीं खेल सके। इससे न सिर्फ उनकी लय टूटी होगी, बल्कि उनका मनोबल भी कम हुआ होगा। इसका असर आने वाले समय में उनके खेल पर पड़ सकता है। 

भुवनेश्वर की धीमी गति चिंता का विषय

चोट से वापसी करने के बाद भुवनेश्वर ठीक तरीके से अपनी लय नहीं पकड़ पाए हैं। हार्दिक और भुवनेश्वर की फिटनेस टी-20 वर्ल्डकप में भारत के खराब प्रदर्शन का अहम कारण थी। इस टूर्नामेंट के बाद हार्दिक को तो फिटनेस बेहतर करने के लिए समय दिया गया, लेकिन भुवनेश्वर को अलगी सीरीज में भी टीम में शामिल किया गया। उन्होंने पहले मैच में अच्छी गेंदबाजी भी की लेकिन सवाल यह है कि क्या 120-130 की गति से गेंद फेकने वाला गेंदबाज भारत का प्रमुख गेंदबाज हो सकता है। उनकी जगह कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जो बेहतर गति से गेंदबाजी कर सकते हैं और अच्छे प्रदर्शन के लिए अनुकूल परिस्थितियों के मोहताज नहीं होते। अवेश भी उनमें से एक हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया। 

बड़े नामों को बचाने के लिए युवाओं की बलि क्यों

करुण नायर टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्हें रहाणे के चोटिल होने पर भारतीय टीम में शामिल किया गया था और नायर ने इतिहास बना दिया था। हालांकि रहाणे के वापस आने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। दो मैचों के बाद वो फिर से टीम में आए, लेकिन चार पारियों में खराब प्रदर्शन के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। तिहरा शतक लगाने के बाद उन्हें आगे मौका दिया जा सकता था, लेकिन दो मैच में बेंच में रहने के कारण निश्चित रूप से उनका मनोबल कम हुआ होगा। कुछ ऐसा ही अब अवेश खान के साथ हो रहा है।  


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