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डुप्लीकेट आधार और मृतकों के नाम पर बने कार्ड… सामने आई घोर लापरवाही

     रायपुर। बस्तर जिले में जब खाद्य विभाग ने बीपीएल राशन कार्डों की जांच शुरू की तो पाया गया की जिले के 98 हितग्राही वर्तमान में सरकारी नौक...

 


   रायपुर। बस्तर जिले में जब खाद्य विभाग ने बीपीएल राशन कार्डों की जांच शुरू की तो पाया गया की जिले के 98 हितग्राही वर्तमान में सरकारी नौकरी में उच्च पद पर कार्यरत हैं, फिर भी बीपीएल कार्ड से हर महीने मुफ्त राशन ले रहे थे। कई शिक्षकों का वेतन 70 हजार से अधिक है, लेकिन उनके पास भी गरीबी रेखा का कार्ड पाया गया। इसके अलावा 25 लाख रुपए से अधिक टर्नओवर वाले 9 व्यापारी भी बीपीएल कार्डधारी पाए गए।

छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है. यहाँ कुछ अमीर परिवार अचानक से गरीब हो गए हैं. मामला यहाँ तक पहुँच गया है की वे फ्री के 35 किलो चावल के भरोसे ही जिंदगी यापन कर रहे हैं. ये कोई मजाक नहीं बिलकुल एकदम सच्चाई है. हम बात कर रहे हैं बीपीएल कार्ड से हर महीने मुफ्त राशन ले रहे कुछ अमीर परिवार की. जी हाँ बस्तर जिले में जब खाद्य विभाग ने बीपीएल राशन कार्डों की गहन जांच शुरू की तो पाया गया की जिले के 98 हितग्राही वर्तमान में सरकारी नौकरी में उच्च पद पर कार्यरत हैं, फिर भी बीपीएल कार्ड से हर महीने मुफ्त राशन ले रहे थे।

कई शिक्षकों का वेतन 70 हजार से अधिक है, लेकिन उनके पास भी गरीबी रेखा का कार्ड पाया गया। इसके अलावा 25 लाख रुपए से अधिक टर्नओवर वाले 9 व्यापारी भी बीपीएल कार्डधारी पाए गए।खाद्य विभाग की टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही है और अब तक 3000 फर्जी कार्ड निरस्त किए जा चुके हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच में ऐसे हितग्राही भी सामने आए हैं जिनकी सालाना आय 6 लाख से अधिक है, फिर भी वे बीपीएल कार्ड का लाभ ले रहे थे। सूची में उच्च पदस्थ सरकारी कर्मचारी, बड़े व्यापारी और समृद्ध किसान तक शामिल हैं। अब तक 63,134 संदिग्ध कार्डधारियों की सूची विभाग को प्राप्त हुई है। इनमें डुप्लीकेट आधार कार्ड, मृत व्यक्तियों के नाम पर बने कार्ड और लंबे समय से राशन नहीं लेने वाले उपभोक्ता शामिल हैं। खाद्य विभाग के अनुसार, पिछले छह से बारह महीनों से राशन नहीं लेने वाले 3,375 उपभोक्ताओं के नाम भी सूची में हैं। इनमें मृत व्यक्ति, अन्यत्र निवास कर रहे लोग और ई-केवाईसी न कराने वाले कार्डधारक शामिल हैं।

खाद्य विभाग के अधिकारीयों का कहना है की जांच के आगे बढ़ते ही कई बड़े नाम सामने आने की संभावना है। विभागीय कार्रवाई जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जायेंगे. जिन हितग्राहियों की सालाना आय अधिक है, सरकारी नौकरी या व्यवसाय से जुड़ाव है, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। हमारा उद्देश्य वास्तविक गरीब परिवारों को ही योजनाओं का लाभ दिलाना है।

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