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रिटायर्ड महिला AGM से 2.83 करोड़ की ठगी: 'डिजिटल अरेस्ट' का बनाया शिकार, साइबर गिरोह के 5 आरोपी गिरफ्तार

रायपुर। राजधानी रायपुर में एक निजी कंपनी की रिटायर्ड महिला असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) से 2.83 करोड़ रुपये की बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने ...

रायपुर। राजधानी रायपुर में एक निजी कंपनी की रिटायर्ड महिला असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) से 2.83 करोड़ रुपये की बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। गिरोह ने उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' की झांसा देकर रकम वसूली। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेंज साइबर थाना और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश से पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जबकि एक आरोपी पहले से ही जेल में बंद है।

ऐसे रची गई थी ठगी की साजिश

गिरफ्तार आरोपियों ने खुद को दिल्ली पुलिस और साइबर विंग का अधिकारी बताकर बुजुर्ग महिला को कॉल किया। उन्होंने झूठी जानकारी दी कि उनके आधार नंबर से कई बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है। फिर उन्हें बताया गया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज हो गया है और अब उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' किया जाएगा। इस डर और दबाव के माहौल में महिला से 21 मई से 10 जुलाई 2025 के बीच 2 करोड़ 83 लाख रुपये 40 फर्जी कंपनियों के खातों में ट्रांसफर करवा लिए गए।

तकनीकी जांच से मिला सुराग, यूपी में हुई कार्रवाई

एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर विधानसभा थाना रायपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी। जांच में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की लोकेशन उत्तर प्रदेश के देवरिया, लखनऊ और गोरखपुर में पाई गई। इसके बाद पुलिस टीम ने एक साथ छापेमारी करते हुए आकाश साहू, शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू, अनूप मिश्रा, नवीन मिश्रा और आनंद कुमार सिंह को गिरफ्तार किया। एक अन्य आरोपी प्रदीप सिंह पहले से ही देवरिया जेल में बंद है।

गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी

पुलिस ने बताया कि यह एक संगठित साइबर ठग गिरोह है, जिसमें कई अन्य लोग भी शामिल हैं। इनके खिलाफ कई राज्यों में पहले से मामले दर्ज होने की भी आशंका है। फिलहाल पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में लगी है और यह जांच जारी है कि ठगी की रकम कहां और कैसे खपाई गई।

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